सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया। सावन की बरसे बदरिया माँ की भीगे चुनरिया।
आँगन में पसारे गीले कपड़े हवा से डोलते, इधर-उधर काले सफेद बादलों से आँख मिचौली, खेल आँगन में पसारे गीले कपड़े हवा से डोलते, इधर-उधर काले सफेद बादलों से आँख...
सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो। सावन की रातें अक्सर ऐसी बूंदों से झनझनाती हैं। जैसे मधुर शहनाई बज रही हो।
जलती कली पीया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे ! जलती कली पीया से मिलन लागे, जलती कली पीया से मिलन लागे !
दिन-रात करते करते दमन, हत्या ही कर दी तुमने मेरी उमंगों की, मेरे अरमानों की, तुमने तो दिन-रात करते करते दमन, हत्या ही कर दी तुमने मेरी उमंगों की, मेरे अरमानों की, ...
मेरे नज़र तुझ से मिली और, प्यार की ज्योत ज़ल गई। मेरे नज़र तुझ से मिली और, प्यार की ज्योत ज़ल गई।